वित्तीय
स्थिति
वित्तीय स्थिति
वित्तीय वर्ष 2001-2002 तक राज्य आयोग,
जिला मंचों व उपभोक्ता संरक्षण निदेशालय,
उ.प्र. का आय-व्ययक का प्रावधान अनुदान संख्या
'21'
के लेखाशीर्षक 3456 के उप लेखाशीर्षक
'04'
के अन्तर्गत होता था जिसके नियंत्रक प्राधिकारी महानिदेशक,
उपभोक्ता संरक्षण निदेशालय होते थे। शासन के कार्यालय ज्ञाप
संख्या सी0पी0 405/29-8-2001सी.पी.-1/87 दिनांक 9.5.2001 द्वारा
आयोग के अध्यक्ष को महानिदेशक के स्थान पर आयोग का विभागाध्यक्ष
घोषित किये जाने के उपरान्त वित्तीय वर्ष 2002-2003 में राज्य
आयोग का आय-व्ययक प्रावधान मुख्य लेखाशीर्षक
'3456'
के उपलेखाशीर्षक '06'
में और जिला मंचों का आय-व्ययक प्रावधान निदेशालय के साथ
उपलेखाशीर्षक '04'
में किया गया था। शासन के कार्यालय ज्ञाप संख्या-सी.पी. 2496/29-खा8-2002-सीपी 1/87 टीसी दिनांक 25.9.2002 द्वारा जिला मंचों के लिए भी
विभागाध्यक्षों की शक्तियॉं राज्य आयोग में निहित हो जाने के
कारण वित्तीय वर्ष 2003-2004 में जिला मंचों का आय-व्ययक प्रावधान राज्य आयोग
के साथ उप लेखाशीर्षक '06'
में किया गया और निदेशालय का आय-व्ययक प्रावधान उप लेखाशीर्षक 04
के अन्तर्गत किया गया।
कालान्तर में शासनादेश संख्या
मु.स.10/29-8-2004सीपी 1/87 दिनांक
31.3.2004 द्वारा निदेशालय का
परिसमापन कर इसे राज्य आयोग में समाहित कर दिया गया है। वर्ष
2004-05 से विभाग का आय-व्ययक प्रावधान अनुदान
संख्या- 21 के मुख्य लेखाशीर्षक
'3456'
के उप लेखाशीर्षक '06'
के अन्तर्गत किया जा रहा है।
वित्तीय वर्ष 2014-15,
2015-16, 2016-17 व 2017-18 में विभाग का आय-व्ययक
प्रावधान अनुदान संख्या 21 के मुख्य लेखाशीर्षक
'3456'
व मुख्य लेखाशीर्षक '4059'
के अन्तर्गत हुआ है जिसके सापेक्ष किये गये आय-व्ययक प्रावधान व
हुए व्यय का विवरण निम्नवत् है-
(धनराशि हजार रूपये में)
क्र.सं. |
लेखाशीर्षक |
प्रावधान/व्यय |
वित्तीय वर्ष
2014-15
|
वित्तीय वर्ष
2015-16 |
वित्तीय वर्ष 2016-17
|
वित्तीय वर्ष 2017-18
(अगस्त,
2017 तक *
) |
1. |
'3456-सिविल
पूर्ति-आयोजनेत्तर-001-निदेशन तथा प्रशासन-06 उपभोक्ता
संरक्षण के अन्तर्गत स्थापित राज्य आयोग तथा जिला
फोरमों का अधिष्ठान |
आय-व्ययक प्रावधान |
403511 |
360818 |
364883 |
551235 |
|
|
व्यय |
305506 |
325675 |
336588 |
147591 |
2. |
'3456-सिविल
पूर्ति-आयोजनागत-001-निदेशन तथा प्रशासन-06 उपभोक्ता
संरक्षण के अन्तर्गत स्थापित राज्य आयोग तथा जिला
फोरमों का अधिष्ठान-(12-कार्यालय
फर्नीचर एवं उपकरण मद में जिला फोरमों के सुद्रढीकरण योजना
के अन्तर्गत जिला फोरम फिरोजाबाद, संतकबीरनगर, बागपत व
मैनपुरी हेतु गैर भवन मद में भारत सरकार द्वारा उपलब्ध
करायी गयी धनराशि) |
आय-व्ययक प्रावधान |
600 |
- |
- |
|
|
|
व्यय |
600 |
- |
- |
|
3. |
3456
सिविल पूर्ति आयोजनागत 001 निदेशन तथा प्रशासन 06
उपभोक्ता संरक्षण के अन्तर्गत स्थापित राज्य आयोग तथा
जिला फोरमों का अधिष्ठान के अंतर्गत मानक मद 12 कार्यालय
फर्नीचर एवं उपकरण मद में जिला फोरमों के सुदृढीकरण योजना
के अन्तर्गत गैर भवन मद में राजकोष में जमा की गयी
धनराशि हेतु गैर भवन मद में भारत सरकार द्वारा उपलब्ध
करायी गयी धनराशि। |
आय-व्ययक प्रावधान |
- |
- |
6011 |
|
|
|
व्यय |
- |
- |
- |
|
4 |
3456
सिविल पूर्ति आयोजनागत 001 निदेशन तथा प्रशासन 06
उपभोक्ता संरक्षण के अंतर्गत स्थापित राज्य आयोग तथा
जिला फोरमों का अधिष्ठान के अंतर्गत मानक मद 42 अन्य
व्यय मद में जिला फोरमों के सुदृढीकरण योजना के अर्न्गत
गैर भवन मद में भारत सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गयी
धनराशि। |
आय-व्ययक प्रावधान |
- |
- |
4875 |
|
|
|
व्यय |
- |
- |
- |
|
5. |
'4059-लोक
निर्माण कार्य पर पूंजीगत परिव्यय-आयोजनेत्तर-60-अन्य
भवन-051-निर्माण-04 राज्य उपभोक्ता आयोग का भवन निर्माण-24 वृहत निर्माण कार्य |
आय-व्ययक प्रावधान |
9988 |
- |
- |
|
|
|
व्यय |
9988 |
- |
- |
|
6. |
'4059-लोक
निर्माण कार्य पर पूंजीगत परिव्यय-आयोजनागत-60-अन्य
भवन-051-निर्माण-01-केन्द्रीय
आयोजनागत/केन्द्र द्वारा पुरोनिधानित योजनायें-0101- राज्य उपभोक्ता आयोग तथा जिला उपभोक्ता
फोरमों का भवन निर्माण-24 वृहत निर्माण कार्य |
आय-व्ययक प्रावधान |
2000 |
-
|
- |
|
|
|
व्यय |
2000 |
- |
- |
|
7. |
4059-लोक निर्माण कार्य पर पूजीगत परिव्यय-
आयोजनागत-60-अन्य भवन-051-निर्माण-04-राज्य उपभोक्ता
आयोग का भवन निर्माण-24 वृहत निर्माण कार्य |
आय-व्ययक प्रावधान |
29084 |
-
|
- |
|
|
|
व्यय |
29084 |
- |
- |
|
8. |
4059-लोक निर्माण कार्य पर पूजीगत परिव्यय-
आयोजनागत-60-अन्य भवन-051-निर्माण-08-जिला उपभोक्ता
फोरमों का भवन निर्माण-24 वृहत निर्माण कार्य |
आय-व्ययक प्रावधान |
27757 |
10000
|
- |
|
|
|
व्यय |
27757 |
10000
|
- |
|
चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 में अनुदान संख्या
'21'
के लेखाशीर्षक '3456'
के अन्तर्गत धनराशि रू.
551235 हजार का आय-व्ययक प्रावधान किया
गया है जिसके सापेक्ष 31
अगस्त, 2017 तक राज्य आयोग को धनराशि रू.
93955.8 हजार तथा जिला फोरमों को
धनराशि रू.
328404.95 हजार का बजट आवंटन किया
जा चुका है इस प्रकार कुल
धनराशि रू.
422360.75 हजार का बजट आवंटन किया जा चुका है जो कुल आय-व्ययक प्रावधान
का 76.62%
है।
कुल
आय-व्ययक प्रावधान के सापेक्ष माहवार प्रगतिशील व्यय का प्रतिशत
क्र.सं. |
माह का नाम |
वित्तीय वर्ष 2014-15 |
वित्तीय वर्ष 2015-16 |
वित्तीय वर्ष 2016-17 |
वित्तीय वर्ष 2017-18 |
1 |
अप्रैल |
6.61 % |
6.24 % |
7.75% |
4.51% |
2 |
मई |
12.60 % |
15.10 % |
13.98% |
10.89% |
3 |
जून |
16.64 % |
21.75 % |
22.23% |
16.84% |
4 |
जुलाई |
21.08 % |
29.53 % |
30.14% |
21.02% |
5 |
अगस्त |
28.58 %
|
36.69 % |
37.10% |
26.77% |
6 |
सितम्बर |
34.14 % |
43.93 % |
45.86% |
|
7 |
अक्टूबर |
40.27 % |
51.55% |
56.09% |
|
8 |
नवम्बर |
45.38 % |
58.01% |
61.23% |
|
9 |
दिसम्बर |
50.66 % |
65.36% |
68.46% |
|
10 |
जनवरी |
61.67 % |
74.75% |
74.53% |
|
11 |
फरवरी |
67.60 % |
80.47% |
80.33% |
|
12 |
मार्च |
75.71 % |
90.26% |
92.25% |
|
राज्य
उपभोक्ता कल्याण कोष में अन्तरित होने वाली राशि की सूचना
माल या सेवा का कुल मूल्य और दावाकृत प्रतिकर की धनराशि के योग के
आधार पर जिला फोरम व राज्य आयोग में परिवाद दाखिल किये जाते समय
निम्न तालिका के अनुसार शुल्क लिये जाने का प्रावधान है।
क्रम संख्या |
माल या सेवा का कुल मूल्य और दावाकृत प्रतिकर |
संदेय फीस की राशि |
|
जिला फोरम |
|
1 |
ऐसे परिवादियों जो अंत्योदय योजना कार्ड धारण करने वाले
गरीबी रेखा के नीचे के अधीन है, के लिए एक लाख रूपये तक
|
कुछ नहीं |
2 |
अंत्योदय अन्न योजना कार्ड धारकों से भिन्न परिवादियों
के लिये एक लाख रूपए तक |
100 रूपए |
3 |
एक लाख से अधिक और पांच लाख रूपए तक |
200 रूपए |
4 |
पांच लाख से अधिक और दस लाख रूपए तक |
400 रूपए |
5 |
दस लाख से अधिक और बीस लाख रूपए तक |
500 रूपए |
राज्य आयोग
6 |
बीस लाख से अधिक और पचास लाख रूपए तक |
2000 रूपए |
|
पचास लाख से अधिक और एक करोड़ रूपए |
4000 रूपए |
ऐसे परिवादी जो गरीबी रेखा के नीचे के अधीन है केवल अंत्योदय
योजना कार्डो की अनुप्रमाणित प्रति के प्रस्तुत करने पर फीस के
संदाय की छूट के लिए हकदार होते है।
भारत के राजपत्र संख्या जी0एस0आर0 342(ई) दिनांक 31.5.2005 द्वारा
अधिसूचित उपभोक्ता संरक्षण विनियम, 2005’
द्वारा परिवादियों से अन्य प्रकरणों में निम्नवत् शुल्क लिये
जाने का प्रावधान किया गया है:-
क्रम संख्या |
विवरण |
धनराशि |
1 |
आदेश की प्रथम प्रमाणित प्रति |
सभी पक्षकारों को नि:शुल्क |
2 |
दूसरी प्रमाणित प्रति |
रू. 20/- ( पांच पृष्ठ तक उसके उपरान्त रू. 10/- प्रति
पृष्ठ की दर से ) |
3 |
प्रकीर्ण आदेश के प्रमाणित प्रति |
रू. 5/- प्रत्येक प्रति |
4 |
अभिलेखों का निरीक्षण |
रू. 10/- |
वर्ष 2007-08 से विभाग में होने वाली वाद शुल्क उत्तर प्रदेश
उपभोक्ता कल्याण कोष नियमावली,
2006 के नियम 3 के प्रावधानों
के क्रम में आयुक्त,
खाद्य तथा रसद विभाग उत्तर प्रदेश के पदनाम से भारतीय स्टेट बैंक
जवाहर भवन,
लखनऊ में खोले गये बैंक खाते में अन्तरित किया जाता था। शासन के
कार्यालय ज्ञाप सख्या रा-1703/29-1-10-62विविध/2010 दिनांक
10.08.2010 द्वारा उक्त चालू खाते को नियंत्रक,
विधिक माप विज्ञान विभाग,
उत्तर प्रदेश लखनऊ को हस्तानन्तरित कर दिये जाने के फलस्वरूप
वाद शुल्क के रूप में प्राप्त होने वाली धनराशि नियंत्रक,
विधिक माप विज्ञान,
उत्तर प्रदेश,
लखनऊ के नाम अन्तरित/जमा की जाने लगी है।

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