संगठनात्मक
ढांचा
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अध्याय 4 में त्रिस्तरीय
उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोगों की स्थापना के उपबंध हैं जिसके
अन्तर्गत राष्ट्र स्तर पर 'राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
आयोग' नई दिल्ली तथा प्रत्येक राज्य स्तर पर ''राज्य
उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग'' एवं प्रत्येक जिले में कम से कम
एक 'जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग' गठित किये जाने का
प्रावधान है। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग को संक्षेप
में 'राष्ट्रीय आयोग', राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग को
संक्षेप में 'राज्य आयोग' व जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
आयोग को संक्षेप में 'जिला आयोग' के नाम से जाना जाता है।
उपभोक्ता संरक्षण (जिला आयोग,
राज्य आयोग और
राष्ट्रीय आयोग की अधिकारिता) नियम,
2021 के नियम
3 के अनुसार जिला आयोग की अधिकारिता,
ऐसी शिकायतों
पर होगी,
जिनमें माल एवं
सेवाओं के प्रतिफल के रूप में भुगतान किया गया मूल्य पचास लाख
रूपये से अधिक न हो,
नियम-4 में
राज्य आयोग की अधिकारिता अधिनियम के अन्य उपबन्धों के अधीन और
धारा 47 की उप-धारा (1) के खण्ड (क) के उप खण्ड (i)
के परन्तुक के अनुसरण में,
राज्य आयोग
की अधिकारिता,
ऐसी शिकायतों
पर होगी,
जिनमें माल
एवं सेवाओं के प्रतिफल के रूप में भुगतान किया गया मूल्य पचास लाख
रूपये से अधिक हो किन्तु दो करोड़ रूपये से अधिक न हो,
राष्ट्रीय
आयोग की अधिकारिता अधिनियम के अन्य उपबन्धों के अध्यधीन और धारा
58 की उप धारा (1) के खण्ड (क) के उप खण्ड (i)
के परन्तुक के अनुसरण में,
राष्ट्रीय
आयोग की अधिकारिता,
ऐसी शिकायतों
पर होगी,
जिनमें माल
एवं सेवाओं के प्रतिफल के रूप में भुगतान किया गया मूल्य दो करोड़
रूपये से अधिक हो।
प्रदेश में
राज्य आयोग / जिला मंचों की स्थापना
वर्तमान समय में
प्रदेश में 01 राज्य आयोग तथा प्रदेश के 75 जिलों में कुल 79 जिला
उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग गठित है। लखनऊ,
आगरा,
बरेली एवं
मुरादाबाद में दो जिला आयोग गठित है।
राज्य आयोग/जिला आयोगों के अध्यक्ष व सदस्यगण की नियुक्ति का
प्रावधान
राज्य
आयोग एवं जिला आयोगों के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति आदि के
सम्बंध में केन्द्र सरकार ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम,
2019 (2019 का 35) की
धारा 101 की उपधारा (2) के खण्ड (ढ) और (ब) के साथ पठित धारा 29
और 43 के अधीन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उपभोक्ता
संरक्षण (राज्य आयोग और जिला आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की
नियुक्ति के लिये अर्हता,
भर्ती की पद्धति,
नियुक्ति की
प्रक्रिया,
कार्यकाल,
पद से
त्यागपत्र और हटाना) नियम 2020 प्रख्यापित किया है।
अध्यक्ष / सदस्यगण को देय वेतन / मानदेय एवं सुविधाएं
उत्तर
प्रदेश उपभोक्ता संरक्षण (राज्य आयोग और जिला आयोग के अध्यक्ष
और सदस्यों का वेतन भत्ते एवं सेवा शर्तें) नियमावली 2021
प्रख्यापित है।

अध्यक्ष/सदस्यगण
के भरे व रिक्त पदों की स्थिति
राज्य आयोग
में अध्यक्ष एवं सदस्यगण के पद भरे हुए है। दिनांक 31.03.2022 की
स्थिति के अनुसार जिला मंचों में अध्यक्ष के 70 पद भरे व 09 पद
रिक्त है, सामान्य सदस्य के 71 पद भरे व 08 पद रिक्त हैं एवं
महिला सदस्य के 58 पद भरे व 21 पद रिक्त है। इस प्रकार अध्यक्ष
के 09 पद,
सामान्य सदस्य के 08 पद एवं महिला सदस्य के 21 पद रिक्त है।
रिक्त पदों के भरे जाने की कार्यवाही प्रक्रिया में है।
राज्य आयोग/जिला मंचों हेतु स्वीकृत अधिकारी/कर्मचारी वर्ग
राज्य आयोग का सीधा
प्रशासनिक नियंत्रण जिला मंचों पर स्थापित करने व उनके कार्यो को
अधिक गतिशील बनाये जाने हेतु राज्य आयोग के अध्यक्ष को राज्य
आयोग एवं जिला मंचों का विभागाध्यक्ष घोषित किया गया है। राज्य
आयोग में प्रशासनिक गतिविधियों को संचालित करने एवं जिला मंचों पर
प्रभावी नियंत्रण रखने हेतु उच्चतर न्यायिक सेवा संवर्ग के
अन्तर्गत राज्य आयोग में निबन्धक का पद सृजित है, जो जिला मंचों
और राज्य आयोग के नैत्यिक कार्यो के निष्पादन हेतु सृजित
अराजपत्रित पदों के नियुक्त प्राधिकारी भी हैं। विभाग के समूह 'ख'
एवं 'ग' के कार्मिकों की सेवानियमावली अधिसूचना संख्या
563/29-8-2006-सीपी 49/97टीसी दिनांक 24.5.2006 द्वारा प्रख्यापित
की गयी है और वेतन समिति,
2008 के नवम प्रतिवेदन (भाग-1) में राजकीय विभागों के आशुलिपिक
संवर्गो में की गयी संस्तुतियों पर लिये गये निर्णयों के
कार्यान्वयन के संबंध में राज्य आयोग/जिला आयोगों के आशुलिपिक
संवर्ग का पुनर्गठन किया गया है। इस प्रकार प्रत्येक जिला मंच
में अध्यक्ष एवं सदस्यगण के अतिरिक्त वरिष्ठ सहायक,
आशुलिपिक,
कनिष्ठ सहायक,
अर्दली तथा चपरासी के एक-एक पद अर्थात प्रति जिला मंच कुल पांच पद
सृजित है, 3
जिला मंचों संतरविदासनगर,
कुशीनगर एवं महोबा में एक-एक चौकीदार का भी पद सृजित है तथा 4 जिला
मंचों कन्नौज,
बागपत, औरैया
एवं संतकबीरनगर में एक-एक पद चौकीदार कम सफाईकर्मी का पद भी सृजित
है। इस प्रकार अध्यक्ष एवं सदस्यगण के पदों के अतिरिक्त राज्य
आयोग एवं 79 जिला आयोगों में कुल मिलाकर 497 विभिन्न श्रेणी के पद
(आउटसोर्स के पदों को सम्मिलित करते हुए) सृजित हैं जिनके सापेक्ष
428 पद भरे हुए हैं।
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